Thursday, September 24, 2009

score khul gaya...our first composition

dis song was composed by us a year ago 4 d college introduction party.though nt much perfect on d technical grnds ,its really valuable for me being our first effort. d contributers to dis song r sam on vocals ,pramod on guitar.aditya on drums n myself as lyricist and chorus...http://www.youtube.com/watch?v=9MV3IgVLsdY

Tuesday, September 22, 2009

naino me jharte saawan se......


पलकों की प्यासी तूलिका रख,सपनो के कोरे दर्पण पे,
तेरी छवि बनाता रहता हूँ,नैनों में झरते सावन से.

तेरी आँखों के अमृत की एक बूँद युगों से मिली नहीं,
हर घडी हलाहल निकला है,जीवन-धारा के मंथन से.

तुम पास नहीं जबसे,किरणों ने सूरज से मुँह फेर लिया,
तरसा है चकोर चांदनी को,और महक खो गयी चन्दन से.

तुम वहां समय के रंगमंच पर उलझी हो संवादों में,
मैं मौन यहाँ पर हार गया,उल्लास के झूठे मंचन से.

जिस दीप की ओट में हमने संग रहने के स्वप्न सजाये थे,
अब उसी दीप संग जलता हूँ,मैं स्मृतियों के ईंधन से.

न भूलना मेरे संग रहने का तुमने किया एक निश्चय है,
अपना आँचल लहराने का,एक वचन है मेरे आँगन से.

कभी धुप का टुकडा बन तेरे,माथे पर लाली महका दूं,
तेरे पहलू मैं जाऊं बिखर,यही आस 'विवेक' है जीवन से.